Barmer खेजड़ली स्मारक को यूनेस्को की संरक्षित विरासत में शामिल करने का आहान
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन के तत्वावधान में बाड़मेर जिला समाहरणालय परिसर में खेजड़ली महाबलीदान श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिस पर बाड़मेर जिला कलेक्टर ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन देकर बताया कि हमारे भारतवर्ष में हमारे भारतवर्ष में 'बिश्नोई धर्म' के लोगों को पर्यावरण की रक्षा का महत्व विश्व के लिए है। महान बलिदान की यह अनूठी घटना, जो 21 सितंबर, 1730 को हुई थी, 'पर्यावरण संरक्षण' का इसका संदेश पूरी दुनिया के सामने अद्वितीय है। विश्व के इतिहास में एक ऐसे अनूठे बलिदान की घटना, जिसे इतिहास में अपना उचित स्थान न बना पाने के कारण प्रचारित नहीं किया जा सका, विश्व पटल पर प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। पर्यावरण संरक्षण के नियमों की रक्षा के लिए अमृता देवी बिश्नोई सहित 363 बिश्नोईयों ने उस समय मारवाड़ राज्य (वर्तमान जोधपुर) के गांव खेजड़ली में एक मिसाल पेश की, जिसका दुनिया में कोई दूसरा नहीं है। पर्यावरण संरक्षण' वर्तमान समय की आवश्यकता है और भारत सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे महान बलिदान की गाथा को विश्व पटल पर लेकर पूरे भारतवर्ष एवं विश्व को पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रेरणादायी एवं वर्तमान प्रोत्साहन उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए।
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ज्ञापन में कहा गया कि आप 21 सितंबर को भारतीय 'राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस' घोषित करें, जो 'शहीद माता अमृता देवी बिश्नोई' सहित पर्यावरण की रक्षा करने वालों को समर्पित है। इस महान बलिदान की कहानी को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की किताबों में और उच्च अध्ययन के 'पर्यावरण अध्ययन' के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि सभी छात्रों को इस ऐतिहासिक घटना की याद दिलाई जा सके, जो इसका संदेश देती है पर्यावरण संरक्षण, ताकि उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। राजस्थान के जोधपुर जिले के खेजड़ली गांव के पवित्र स्थान को यूनेस्को द्वारा संरक्षित सूची में शामिल करने का प्रयास करें। कार्यक्रम में अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन के जिला उपाध्यक्ष जयकिशन जानी, संगठन के जिलाध्यक्ष सागर गोदारा, प्रबंधक भंवरलाल डूडी, मोहनलाल खिलेरी, अधिवक्ता राजेश मंजू, केशराराम बिश्नोई, मोहनलाल गोदारा, भजनलाल गोदारा, जाट महासभा के अध्यक्ष दलूराम चौधरी, बीरबल सियाग, कैलाश खिलेरी, शिक्षक मोहनलाल खिचड़, जयकिशन गोदारा, फौजी भगवानराम छात्रावास बाड़मेर आदि सभी पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।
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