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Banswara नव कुंडीय महाविद्या लक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं भागवत कथा

 
Banswara नव कुंडीय महाविद्या लक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं भागवत कथा

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा शहर के तपोभूमि लालीवाव मठ में 20 से 27 नवंबर तक होने वाले विशाल धार्मिक महोत्सव के लिए गुरुवार को भूमि पूजन एवं ध्वजारोहण किया गया। पंडित दिव्यभारत पंड्या और पंडित निकुंज मोहन पंड्या के मार्गदर्शन में विशेषज्ञ कर्मकांडियों के एक समूह ने वैदिक मंत्रों और सनातन परंपराओं के अनुसार सभी देवताओं की पूजा और यज्ञ किया और भूमि पूजन के बाद ध्वज पूजन और स्थापना की गई।

आयोजन समिति अध्यक्ष एडवोकेट लक्ष्मीकांत त्रिवेदी, अनसुइया त्रिवेदी, यज्ञ अर्चना यजमान पुष्पेंद्र सिंह तंवर, संजोक्ता तंवर ने यज्ञ में पूर्णाहुति देकर महाआरती की। लालीवाव पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंत हरिओमदासजी महाराज उपस्थित थे। मुख्य आतिथ्य महामंडलेश्वर महंत गरीबदास महाराज (गुजरात) थे। संत हरिदासजी महाराज (भावनगर), रामदासजी महाराज एवं रघुवीरदासजी महाराज, आयोजन संयोजक पं. कार्यक्रम को भुवन मुकुंद पंड्या, उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश भट्ट, शांतिलाल भावसार, राजेश भावसार, मनोहर जोशी आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर संतों व आयोजकों ने धार्मिक महोत्सव के यज्ञ अनुष्ठान व भागवत पारायण में भाग लेने वाले यजमानों को उपर्णा पहनाकर सम्मानित किया इससे पूर्व भगवान श्री पद्मनाभ, श्री हनुमान एवं जितेन्द्रिय महादेव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई तथा मठ के पूर्व पीठाधीश्वरों की समाधि पर गुरु पादुका पूजन अनुष्ठान किया गया।

इसके बाद धूमधाम से ध्वजा जुलूस निकाला गया मठ के मुख्य मंदिर से कार्यक्रम स्थल तक ध्वजारोहण किया गया। इसमें शांतिलाल भावसार व नागेंद्र डोसी ने ध्वजा उठाई। महंत हरिओमदास महाराज ने बताया कि 20 से 27 नवंबर तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन का मुख्य उद्देश्य पितृदोष से मुक्ति व पुण्य प्राप्ति है। मोक्ष। पितृ दोष दूर होने से बेघर होना, बीमारी, कष्ट, संतान प्राप्ति, व्यापार में बाधा आदि सभी समस्याएं और अभाव दूर हो जाते हैं। इसके लिए नव कुंडीय श्री महाविद्या श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ, भागवत पारायण एवं श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ होंगे। इसमें श्रीधाम वृन्दावन के अग्रमलुक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास देवाचार्यजी महाराज श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करेंगे।