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Banswara 5 निजी अस्पतालों ने 7 महीने में किए 2 करोड़ 68 लाख रुपए के क्लेम

 
Banswara 5 निजी अस्पतालों ने 7 महीने में किए 2 करोड़ 68 लाख रुपए के क्लेम
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत बांसवाड़ा के 5 निजी अस्पताल सरकार को चपत लगाते नजर आ रहे हैं। क्योंकि इन निजी अस्पतालों ने महज सात महीने में योजना के तहत 2 करोड़ 68 लाख 14 हजार 162 रुपए के पैकेज क्लेम किए हैं। इतने कम समय में इतनी बड़ी राशि का क्लेम बुक होने के बाद भी चिकित्सा विभाग अधिकारी सजग हो गए हैं। क्लेम को लेकर गड़बड़ी की चर्चाएं हैं। सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि क्लेम पैकेज बुकिंग राशि के हिसाब से टॉप-5 में भी इन पांच में से तीन निजी अस्पतालों के नाम शामिल हैं। जबकि, इन अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या सरकारी अस्पतालों की तुलना में काफी कम है। एक अप्रेल 2024 से 7 नवंबर 2024 के बीच इन अस्पतालों में सिर्फ 946 मरीज (टीआईडी नंबर जनरेट) ही उपचार कराने पहुंचे हैं। इसके बाद भी इन अस्पतालों की ओर से इतनी बड़ी राशि क्लेम की गई है।

36.10 प्रतिशत निजी अस्पतालों ने किया क्लेम

जिले में एक अप्रेल 2024 से 7 नवंबर 2024 के बीच सरकारी और निजी अस्पतालों के द्वारा योजना के तहत 7 करोड़ 42 लाख 71 हजार 462 रुपए के क्लेम बुक किए गए। इस राशि का 36.10 प्रतिशत क्लेम इन पांचों अस्पतालों की ओर से किया गया है। इसके दीगर महात्मा गांधी अस्पताल की ओर से 3 करोड़ 30 लाख 72 हजार 570 रुपए की क्लेम राशि बुक की गई है, जबकि इस अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है।

सवा करोड़ के ज्यादा क्लेम किए बुक

महात्मा गांधी चिकित्सालय के अलावा योजना के तहत जिले के 24 सरकारी अस्पतालों की ओर से भी क्लेम बुक किया गया। इसमें दो उप जिला अस्पताल और 22 सीएचसी के कुल क्लेम से तकरीबन सवा करोड़ रुपए की राशि महज पांच निजी अस्पतालों के द्वारा क्लेम की गई है। बता दें कि इस समयांतराल में 24 सरकारी अस्पताल (एमजीएच को छोड़कर) कुल राशि एक करोड़ 43 लाख 84 हजार 730 रुपए क्लेम की गई। जबकि, पांच निजी अस्पतालों 2 करोड़ 68 लाख 14 हजार 162 रुपए की राशि क्लेम की। जो इन सरकारी अस्पतालों से एक करोड़ 24 लाख 29 लाख 432 रुपए ज्यादा है।

इसलिए खड़े हो रहे सवाल

मरीजों की संख्या एक हजार भी नहीं

अन्य अस्पतालों की तुलना में राशि का बहुत ज्यादा होना

जिले से बड़े वर्ग का उपचार के लिए बड़े शहरों की ओर जाना

गुजरात बॉर्डर एरिया के लोगों का उपचार के लिए गुजरात की ओर रुख करना