Bharatpur पूर्वी प्रवेश द्वार पर है दिग्गजों की नजर, जिले में मायावती, गहलोत, खड़गे समेत पीएम मोदी आएंगे

 
भरतपुर न्यूज़ डेस्क, भरतपुर  अगले सात दिन पूरे प्रदेश की निगाह भरतपुर पर रहेंगी, क्योंकि भरतपुर संभाग की 19 सीटों काे साधने के लिए भाजपा, कांग्रेस और बसपा सहित अन्य पार्टियों के आला नेता आ रहे हैं। जिसमें प्रधानमंत्री माेदी, बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे का कार्यक्रम तय हा़े चुका है, जबकि कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी का कार्यक्रम नदबई में प्रस्तावित हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, मध्यप्रदेश के सीएम शिवराजसिंह, उत्तर प्रदेश के सीएम याेगी आदित्यनाथ, भीम आर्मी के चंद्रशेखर, राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चाैधरी, आरएलपी के हनुमान बेनीवाल, कांग्रेस के तारिक अनवर, शकील अहमद सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं के कार्यक्रम पाइप लाइन में है।

प्रधानमंत्री माेदी 18 काे भरतपुर आ रहे हैं। उनके कालेज ग्राउंड में सभा है। इसी दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और मुख्यमंत्री अशाेक गहलौत आ रहे हैं। कांग्रेस के संगठन महासचिव योगेश सिंघल ने बताया कि राहुल गांधी का 22 काे भरतपुर जिले में आना प्रस्तावित है। वह तीन विधानसभा क्षेत्राें में किसी एक में आएंगे। डेट और स्थान आजकल में फाइनल हा़े जाएगा। कांग्रेस पार्टी की 7 गारंटियों के प्रचार के लिए कांग्रेस गारंटी यात्रा 17 व 18 नवंबर काे भरतपुर आएगी। बड़ा कार्यक्रम 18 काे सुनिश्चित हुआ है। कार्यक्रम वैर में हाेगा, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और मुख्यमंत्री अशाेक गहलोत आएंगे। दाेनाें नेता सभा काे संबोधित करेंगें। इसकी तैयारी के लिए बुधवार काे प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा वैर पहुंचे। सभा स्थल का जायजा लिया तथा तैयारियों काे अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। जिलाध्यक्ष दिनेश सूपा ने बताया कि सभा वैर अथवा हलैना में हाेगी।

भरतपुर संभाग में 19 सीटें हैं, जिनमें भरतपुर में 7 तथा धाैलपुर, कराैली और सवाई माधोपुर में 4-4 सीटें हैं। यद्यपि दाे नए जिले डीग और गंगापुर सिटी बन चुके हैं, लेकिन चुनावी व्यवस्था पुराने सिस्टम से है। भरतपुर संभाग कभी भाजपा का गढ़ हुआ करता था। वर्ष 2008 में भाजपा काे 10, कांग्रेस काे 5, बसपा काे 3 और निर्दलीय काे एक सीट मिली। साल 2013 में 12 सीटें भाजपा, 6 कांग्रेस और एक सीट बसपा ने जीती थीं, लेकिन वर्ष 2018 में कांग्रेस ने पासा पलट दिया। कांग्रेस काे 13 सीटें मिलीं। इसके अलावा बसपा काे 3 तथा भाजपा, रालाेद और निर्दलीय काे एक-एक सीट पर संताेष करना पड़ा। भाजपा के लिए खाेने के लिए कुछ नहीं हैं, वहीं कांग्रेस के लिए नए किले काे बचाए रखने की मशक्कत करनी पड़ रही है। पिछले चुनाव में वसुंधरा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी थी। इस हालात काे इस बार कांग्रेस काे सामना करना पड़ सकता है।