Ajmer अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले के लिए सरकार के पास बजट की कमी

 
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। यही कारण है कि मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर सरकारी स्तर पर अतिरिक्त बजट का कोई प्रावधान तक नहीं किया गया है। हालत यह है कि पशुपालन विभाग को पशुपालकों व पशुओं की मूलभूत सुविधाओं, मेले के खर्चों की बजट से अधिक खर्च राशि के लिए अन्य विभागों के भरोसे रहना पडता है। मेला विकास प्राधिकरण का गठन तो कर दिया गया है, लेकिन उसकी मेले को लेकर कोई सक्रिय भूमिका आज तक नजर नहीं आ रही है। सरकारों ने अब तक पुष्कर मेले के बजट आवंटन की स्थायी व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया है। केवल एक बार 50 लाख रुपए दिए गए। यह राशि भी बंद कर दी गई। पुष्कर के पुरोहित समय-समय पर मेले के लिए बजट की मांग करते रहे हैं, हालांकि यह अब तक बेअसर ही साबित हुई है।

अन्य विभागों पर निर्भरता

पशुपालन विभाग को बजट से अधिक खर्चों के लिए अन्य सरकारी विभागों की मदद पर निर्भर रहना पडता है। रैतीले दड़ों मेें बिजली-पानी, टेंट सहित अन्य सुविधाओं के खर्चे मेला विकास समिति व एडीए सहित अन्य विभाग चुकाते हैं। पुष्कर पशु मेला 2023 के लिए हमने 24 लाख रुपए की मांग की थी। अभी तक 20 लाख रुपए ही मिले हैं। यह खर्चा बिजली-पानी, टेन्ट, पुरस्कार राशि पर किया जाता है। बजट कम है। शेष खर्च राशि के लिए जिला कलक्टर को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है।

ब्रह्म चतुर्दशी पर पुष्कर सरोवर में होगा संतों का शाही स्नान

कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि 26 नवम्बर को सुबह पुष्कर सरोवर के सप्तऋषि घाट पर संतों का शाही स्नान होगा। सेन पीठाधीश्वर संत अचलानंद के सान्निध्य में संत, महंत सामूहिक रामधुन गाते पुष्कर सरोवर पर पूरा-अर्चना के साथ शाही स्नान की परम्परा निभाकर नशा मुक्ति का संदेश देंगे। सैनाचार्य अचलानंद मंगलवार को जोधपुर से पुष्कर आकर पूरे कार्तिक मास यहां प्रवास करेंगे। प्रवक्ता हरि प्रसाद पाराशर ने बताया कि सैन भक्तिपीठ में सैनाचार्य प्रतिदिन प्रात: व सांयकाल प्रवचन देंगे। इसी दौरान कार्तिक एकादशी को तुलसी विवाह के बाद महाप्रसादी होगी।