Ajmer किसानों को म्यूटेशन के लिए अब नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

 
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर प्रदेश में अब भूमि को लेकर खरीद -बेचान या अन्य परिवर्तन के लिए संव्यवहार होने के साथ ही जमाबंदी का स्वत: इंद्राज (ऑटो म्यूटेशन) क्रेता के पक्ष में हो जाएगा। यह प्रणाली जल्द ही प्रदेश में लागू होगी। अंतिम चरण में राजस्व विभाग व राजस्व मंडल के अधिकारी प्रशासनिक दृष्टि से व आईटी अधिकारी तकनीकी दृष्टि से इस नई प्रणाली की स्वीकार्यता या यूजर एक्सेप्टेंस टेस्टिंग (यूएटी) किया जा रहा है। माना जा रहा है इस प्रणाली को इसी माह लागू किया जा सकता है। राजस्व मंडल के निबंधक महावीर प्रसाद के निर्देशन में आईटी विभाग के एसीपी सौरभ बामणिया इस प्रणाली का इस रूप में अध्ययन कर रहे हैं, जिससे यह जमाबंदी आदि निकलवाने के लिए राजस्व नियमों के प्रपत्र अनुसार वांछित कॉलम इसमें शामिल हैं या नहीं। ताकि कृषकों व अन्य लोगों को इस प्रक्रिया को समझने में परेशानी न हो। इसमें भूमि के पंजीकरण के साथ खाता, खसरा, क्षेत्रफल, सीमाएं आदि के इंद्राज शामिल होने की स्थिति को परखा जाएगा।

कमेटी कर रही जांच

इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इसमें संयुक्त शासन सचिव ग्रुप छह व दस, निबंधक राजस्व मंडल व राजस्व विभाग तथा राजस्व मंडल के एसीपी को शामिल किया गया है।

राजस्व नियमों में भी बदलाव संभव

पुराने नियमों के अनुसार भूमि के लेनदेन के लिए संबंधित आवेदक को सरपंच के यहां आवेदन करना होता था। अधिकतम 20 दिन की अवधि में सरपंच इसे ग्राम पंचायत की बैठक में अनुमोदित करवाता था फिर पटवारी मौका रिपोर्ट देता था। इसके बाद नामांतरकरण खुलता था। आपत्ति होने पर मामला तहसीलदार को जाता है। नई प्रणाली में कई संशोधन कर भूमि की वास्तविक स्थिति आदि का मुआयना किस प्रकार होगा। इसका अध्ययन व जरूरत पड़ने पर नियमों में संशोधन किया जा सकता है।