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Alwar सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों से लाई जाएंगी बाघिनें

 
Alwar सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों से लाई जाएंगी बाघिनें

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरिस्का में बसे गांवों के विस्थापन का मुद्दा राजस्थान टाइगर कंजर्वेशन के शासी निकाय की जयपुर में हुई बैठक में छाया रहा। इसमें बताया कि सरिस्का में लगातार बाघों के बाहर निकलने का कारण यहां अब भी बसे गांव हैं। 16 सालों से इन गांवों के विस्थापन के प्रयास किए जा रहे हैं। पुराने पैकेज में सरिस्का में बसे ग्रामीण जाने को तैयार नहीं है। इसे लेकर अलग से बैठक करने का निर्णय किया ताकि बाघों के सरिस्का से बाहर निकलने की घटनाओं को लगाम लग सके।

अभी सरिस्का से बाघ टेरेटरी बनाने के लिए बाहर निकल रहे है। सरिस्का टाइगर रिजर्व में नर बाघों की तुलना में मादा बाघों की संख्या कम है। वन विभाग के अनुसार एक नर बाघ पर दो बाघिने होनी चाहिएं। अभी सरिस्का मंे 11 मेल, 18 फीमेल और 13 शावक हैं। ऐसे में बैठक में मंत्री ने वन अधिकारियों को आसपास के राज्यों से बाघिनों को लाने के प्रयास तेज करने को कहा। जिससे क्षेत्रानुसार इन्हें छोड़ा जा सके। बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री संजय शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन अपर्णा अरोड़ा, पीसीसीएफ हॉफ अरिजीत बनर्जी, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय, सभी सीसीएफ, डीसीएफ और अन्य वन अधिकारियों शामिल हुए। इसके अलावा संबंधित जिलों के कलेक्टर और एसपी भी बैठक में वीसी के माध्यम से जुड़े। बैठक में विद्यार्थियों में वन एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को बाघ परियोजनाओं एवं संरक्षित क्षेत्रों में निशुल्क भ्रमण की सुविधा प्रदान कराने के मंत्री ने निर्देश दिए। बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा ने सरिस्का में फोरेस्ट चौकियों में मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए कहा।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पांडुपोल जाने वाले मार्गों को सुगम बनाने और धूल से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए। सरिस्का इंटरप्रिटेशन सेंटर, अधिकारियों के आवास, अधीनस्थ कर्मचारियों के रहने के लिए उचित व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए। बैठक के दौरान अलवर कलेक्टर ने सरिस्का बाघ परियोजना में 57 हजार हैक्टेयर भूमि में से 50 हजार वन विभाग के नाम अमलदरामद करने व शेष 7 हजार हैक्टेयर भूमि को शीघ्र अमलदरामद करने के बात कही।