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Alwar ऑटोमोबाइल बाजार और मूर्तिकार योजना फाइलों में खो गई

 
Alwar ऑटोमोबाइल बाजार और मूर्तिकार योजना फाइलों में खो गई
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  शहर के सुनियोजित विकास को लेकर नगर विकास न्यास (यूआईटी) गंभीर नजर नहीं आ रहा। यही वजह है कि हनुमान सर्किल के पास ऑटो मोबाइल मार्केट 35 साल और मूर्तिकार योजना 17 साल बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पाई है। इसका फायदा उठाते हुए दोनों योजनाओं की करीब 85 बीघा जमीन पर अवैध ट्रक स्टैंड बन गए हैं। जो यूआईटी को मुंह चिढ़ा रहे हैं।यूआईटी ने वर्ष 1990 में फल-सब्जी मंडी से लेकर हनुमान सर्किल मार्ग पर बायीं ओर करीब 35 बीघा जमीन पर ऑटो मोबाइल मार्केट बनाने की योजना बनाई। इसके लिए जगह चिन्हित कर दी गई। ऑटो मोबाइल मार्केट को जमीन पर लाना था, लेकिन अफसर इसे भूल गए। इस जमीन पर आज हर दिन ट्रक पार्क किए जा रहे हैं। खोखे व कुछ अवैध दुकानें हैं। तूड़ा भी बेचा जा रहा है। अधिकारियों को इसकी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई की बजाय संरक्षण दिया जा रहा है। इस बेशकीमती जमीन की कीमत 150 करोड़ से ज्यादा है।

यूं अटकती गई योजनाएं: यूआईटी ने इन दोनों योजनाओं पर काम नहीं किया। यह फेल हो गई। जमीन पर अवैध कब्जा हो गया। रोहिणी-साकेत कॉलोनी आज तक नहीं बसा पाए। अंबेडकर नगर, शालीमार व विज्ञान नगर कॉलोनी भी पूरी तरह आबाद नहीं हो पाई। यूआईटी में बड़ी संया में अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारी सरकार ने लगाए हैं ताकि सरकार का सपना पूरा हो सके। सुनियोजित विकास हो। जानकारों का कहना है कि यूआईटी बनाने का कोई लाभ नजर नहीं आ रहा है। आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है?