Ajmer में संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव घोटाला मामले में 3 गिरफ्तार, पूछताछ जारी
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर की कोतवाली थाना पुलिस ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के तीन कथित पदाधिकारियों को सेंट्रल जेल जोधपुर से प्रोडक्शन वारंट के तहत गिरफ्तार किया है। अजमेर शहर और ग्रामीण इलाकों के सौ से ज्यादा निवेशकों ने कंपनी के एजेंट और अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज करवा रखे हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी बाड़मेर सरदारपुर बेरियों का बास निवासी नरेश सोनी पुत्र हेमराज सोनी, किशन सिंह पुत्र जीत मल सिंह और शैतान सिंह पुत्र उत्तम सिंह को गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपी खुद को संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के क्षेत्रीय पदाधिकारी बताते हैं। आरोपियों से इनके नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस मामले में ने के मदनगंज किशनगढ़ निवासी किरण राठौड़ अदालत में इस्तगासा पेश किया था। कोर्ट आदेश पर 10 मई 2022 को मुकदमा दर्ज किया में गया। परिवादी किरण राठौड़ ने एफआईआर बताया है कि आरोपियों ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड को सरकारी मान्यता के लिए बैंकों प्राप्त वित्तीय संस्था बताते हुए उन्हें निवेश प्रेरित किया था। उन्हें जमा राशि पर अन्य से ज्यादा ब्याज दर और मुनाफा देने का लालच उसने 674 दिया गया था। आरोपियों के कहने पर 16 दिसंबर 2019 तक 18 लाख 75 हजार रुपए जमा कराए। इसके बाद आरोपी फरार हो गए कंपनी के दफ्तर में भी ताला लग गया।
बाड़मेर से 2008 में हुई थी कंपनी की शुरुआत, वहीं के हैं 3 आरोपी
वर्ष 2008 में राजस्थान सोसायटी एक्ट के तहत संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को रजिस्टर्ड कराया गया। कंपनी की शुरुआत बाड़मेर से की गई थी। पकड़े गए तीनों आरोपी बाड़मेर के निवासी हैं। कंपनी ने राज्य के करीब डेढ़ लाख निवेशकों से 950 करोड़ की ठगी की। इस सोसाइटी की 237 शाखाएं खोली गई। इनमें से राजस्थान में 211 एवं गुजरात में 26 शाखाएं थीं। देखते ही देखते कई ब्रांच खोल कर फर्जी कंपनियों को लोन बांटे गए। राजस्थान से करीब 1,46,991 निवेशकों से 950 करोड़ से अधिक की ठगी की गई। सोसाइटी की लेखा पुस्तकों में 1100 करोड़ के ऋण दिखाए गए। बोगस ऋणों की संख्या करीब 55 हजार है।
कुल ऋण करीब 1100 करोड़ रुपये का दर्शाया गया है। कांग्रेस शासनकाल में एसओजी की पड़ताल कई गिरफ्तारियां हुई। हजारों खाते जांच में फर्जी साबित हुए। इस घोटाले के मास्टर माइंड और सोसाइटी के पहले मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें निवेश करने वालों को अच्छे रिटर्न के साथ विदेश की यात्रा, गोल्ड व सिल्वर कॉइन आदि गिफ्ट का प्रलोभन दिया गया था। निवेश करते उन्हें ही एजेंट बनाकर उनके अंडर में निवेश करने वालों का कमीशन उन्हें दिया जाता था। इस तरह संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की चैन बनती गई और लोग इसमें फंसते चले गए।