Ajmer रेतीले धोरों में खुलेआम नशे का काला कारोबार, गली-गली पैडलर
पुष्कर सरोवर घाट के आसपास डेरा जमाए बैठे कुछ लोगों से पुड़िया की तलब जाहिर की लेकिन कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं हुआ। काफी देर तक भटकने के बाद पुष्कर के प्रवेशद्वार के पास पुड़िया मिलने का संकेत मिला। बताई झोपड़ी तक पहुंचे तो कुछ नाबालिगों के साथ महिला चारपाई पर बैठी नजर आई। इशारे में पुड़िया के लिए पूछा तो उसने हामी भर दी।
क्या भाव है, माल अच्छा है न।
सीताबाई : 150 रुपए की एक पुड़िया, कितनी चाहिए।
दो ही दे दो, 250 रुपए दूंगा, फिर और ले जाऊंगा।
सीताबाई: तीन सौ रुपए दे दो, और चाहिए तो ले जाना।
किलो का क्या हिसाब है।
सीताबाई : घरवाला अभी सो रहा है। फिर भी 12-13 हजार रुपए किलो का भाव है।
पुड़िया है क्या?
महिला- कहां से आए, कितनी चाहिए। 150 और 200 रुपए की है।
माल दिखाओ, फिर बताएंगे।
किलो में माल चाहिए तो कितना मिलेगा?
महिला- सांसी बस्ती में सीताबाई व परदेशी के पास चले जाओ।