बच्चे हो या बूढ़े बिस्कुट खाना सभी को पसंद होता है। अगर आपने ध्यान दिया हो तो, बिस्कुट में बहुत सारे छेद होते हैं। ज्यादातर हर फ्लेवर और क्वालिटी वाले बिस्किट में छेद होता ही है। लेकिन, इसके पीछे का कारण सिर्प इसका डिजाइन नहीं है बल्कि, कुछ और भी है।
बिस्कुट में किए गए छेद उनकी मैन्यूफेक्चरिंग से जुड़े हुए हैं। गोल वाले या ज्यादातर स्क्वेयर वाले बिस्कुट में छेद होते हैं।
बिस्कुट में बने छेद को डॉकर्स कहते हैं। इसमें छेद इसलिए छोड़ते हैं ताकि बेकिंग के समय इन छेदों से हवा पास हो सके।
बिस्कुट बनने से पहले आटा, चीनी और नमक को शीट की तरह ट्रे पर फैलाकर एक मशीन के नीचे रख दिया जाता है। इसके बाद मशीन से उनमें छेद बनाए जाते हैं।
बिस्कुट बिना छेद के नहीं बन सकता है। इसे बनाने के प्रोसेस में उनमें हवा भरी जाती है जो अवन में हीट के दौरान गर्म होने से फूलती है।
अवन में बिस्कुट की शेप बड़े होने के साथ डिशेप होने लगती है। इसकी वजह से वो बीच से टूट जाते हैं। इसलिए, हवा और हीट निकालने के लिए इसमें छेद किए जाते हैं।
बिस्कुट बनाने के लिए हाइटेक मशीनें इस्तेमाल होती हैं जो बिस्कुट पर एक समान दूरी पर छेद बनाती हैं। ऐसे में लोग इसे डिजाइन समझ लेते हैं।
बिस्कुट हर तरह से बराबर फूलता और पकता है। इसमें उतने छेद बनाए जाते हैं कि पकने के बाद वो क्रिस्पी और क्रंची बन जाए। इसलिए, इसकी हीट बाहर निकाली जाती है।
अगर आपके मन में भी बिस्कुट में हो रहे छेद से जुड़े ये सवाल कभी न कभी आए हैं तो, चलिए आज उनके जवाब जान लें।