घर में पूजा करने के लिए सभी देवी-देवताओं की तस्वीरें या मूर्तियां लगाई जाती हैं, लेकिन शनिदेव की नहीं। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर शनिदेव की ही मूर्ति घर में क्यों स्थापित नहीं की जाती। आइए जानें इसके पीछे का रहस्य
शास्त्रो में कुछ देवी- देवताओं की तस्वीर लगाना वर्जित माना गया है। इन्हीं में से शनिदेव की मूर्ति घर पर लगाना वर्जित माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव को श्राप मिला था कि वह जिसे भी देखेंगे, उसका अनिष्ट यानी बुरा हो जाएगा।
शनिदेव की दृष्टि सीधे तौर पर हमारे जीवन पर ना पड़े इसलिए शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति को घर के मंदिर में रखना सही नहीं माना जाता।
धर्म शास्त्रों के मुताबिक शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर घर या घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए, बल्कि इनकी पूजा घर के बाहर किसी मंदिर में करनी चाहिए।
शनि मंदिर में पूजा या शनि देवता का दर्शन करते समय हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी शनि देवता की आंखों में आंखें डालकर पूजा या दर्शन नहीं करना चाहिए।
शनिवार का दिन शनि देवता और हनुमान जी दोनों का होता है इसलिए शनिवार के दिन शनिदेव के साथ ही हनुमान जी की भी पूजा करना चाहिए। इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार शनिदेव की मूर्ति घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए बल्कि इनकी पूजा घर के बाहर किसी मंदिर में ही करने का विधान बताया गया है।
शनिदेव के साथ-साथ कई और भी देवी-देवता है, जिनकी मूर्ति या तस्वीर को घर में लगाना वर्जित बताया गया है। जैसे- राहु-केतु की मूर्ति, नटराज की मूर्ति, भैरव की मूर्ति।
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