घर वालों की मृत्यु के बाद क्यों करवाते हैं मुंडन?

हिंदू धर्म

हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार से जुड़े कई नियम होते हैं। खासकर कि अंतिम संस्कार के बाद मृतक के परिजनों का सिर मुंडवाया जाता है। लेकिन ऐसा होता क्यों है, ये कोई नहीं जानता। चलिए, ज्योतिषाचार्य डॉ. राधाकांत वत्स से इस बारे में जानते हैं

दाह संस्कार

ये तो सब जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में ही जलाया जाता है।

श्मशान में होते हैं जीवाणु

कहा जाता है कि पार्थिव शरीर को जलाने पर श्मशान घाट में हानिकारक जीवाणु मौजूद होते हैं। ये जीवाणु लोगों से चिपक जाते हैं

शरीर से कैसे हटेंगे जीवाणु

अंतिम संस्कार के बाद नदी में स्नान करने से शरीर से चिपके हुए सारे जीवाणु हट जाते हैं। इसलिए, दाह संस्कार के बाद स्नान जरूरी माना जाता है।

रिश्ता खत्म करने के लिए

शास्त्रों के अनुसार, आत्मा का परिवार के लोगों से संपर्क में आने का आसान माध्यम बाल होते हैं। इसलिए, अंतिम संस्कार के बाद तुरंत बाल मुंडवाने की परंपरा है।

श्रद्धांजलि देने के लिए

मृतक अपने परिवार के लिए बहुत कुछ करके गया होता है। इसलिए, मृत्यु के बाद बाल समर्पित करना उसके पर्ति प्यार और सम्मान को दर्शाता है।

सिर से कैसे हटाएं जीवाणु

अंतिम संस्कार के बाद सिर से चिपके हुए जीवाणु को पूरी तरह से निकालने के लिए परिजन की मृत्यु के बाद मुंडन करवाया जाता है।

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अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि आखिर मुंडन के बाद अंतिम संस्कार क्यों करवाया जाता है, तो यहां जान लें। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें।

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