ट्रेन की पटरी पर क्यों बिछे होते हैं पत्थर

जानिए इंटरेस्टिंग फैक्ट

ट्रेन से सफर

अक्सर ट्रेन से सफर करते हुए आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि ट्रेन की पटरियों के नीचे और आस-पास छोटे-छोटे नुकीले पत्थर क्यों बिछे होते हैं? अगर आपके दिमाग में भी कभी ऐसा कुछ आया है तो, चलिए आज हम आपको इसका कारण बताते हैं कि आखिर पटरियों के नीचे पत्थर क्यों बिछे होते हैं

स्लीपर कहते हैं

पटरी को तैयार करते समय उसके नीचे लंबी-लंबी प्लेट्स बिछाई जाती हैं उसे स्लीपर कहते हैं। उसके नीचे बिछे छोटे-छोटे पत्थरों को ब्लास्टर या गिट्टी कहा जाता है।

रेलवे ट्रैक जमीन से ऊंचाई पर क्यों होते हैं?

रेलवे ट्रैक साधारण जमीन से ऊंचाई पर होते हैं। पटरी के नीचे कंक्रीट के बने स्लीपर, फिर पत्थर और इसके नीचे मिट्टी रहती है। इसलिए, ट्रैक जमीन से ऊंचाई पर होता है।

ट्रेन को संभालते हैं पत्थर

ट्रेन का वजन करीब 10 लाख किलो होता है। इसे पटरी नहीं संभाल सकती। इसलिए, लोहे के बने ट्रैक के साथ कंक्रीट के बने स्लीपर या पत्थर मदद करते हैं।

गिट्टी होती है खास

खास गिट्टी की जगह गोल पत्थर इस्तेमाल करने पर वो के दूसरे से फिसलने लगेंगे और पटरी से हट जाएंगे। ये नुकीले होने की वजह से मजबूत पकड़ बना लेते हैं।

पेड़-पौधे जाएंगे उग

ट्रैक पर गिट्टी न बिछी होने से उस पर घास और पेड़-पौधे उग आएंगे। इससे ट्रेन को ट्रैक पर दौड़ने में दिक्कत होगी। इसलिए, पटरी पर पत्थर बिछे होते हैं।

जलभराव

बरसात का पानी ट्रैक पर गिरने के दौरान गिट्टियों से जमीन में चला जाता है। इससे पटरियों में जल भराव की समस्या नहीं होती।

पटरियां फैल सकती हैं

ट्रैक पर ट्रेन की स्पीड से कंपन्न होता है। इससे पटरियां फैल सकती हैं। कंपन्न कम करने और पटरियों को फैलने से बचाने के लिए स्लीपर बिछाए जाते हैं। ये ट्रेन को स्थिर रखने में मदद करते हैं।

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गर आपके मन में भी ट्रेन पर बिछे पत्थरों को लेकर कोई सवाल है तो, यहां उनका जवाब देख लें। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें aapkarajsthan.com