हवाई जहाज के इंजन पर मरे हुए मुर्गे सेफ्टी टेस्टिंग के लिए फेंके जाते हैं ताकि कभी लैंडिंग या टेक ऑफ के टाइम भी कोई पक्षी जहाज से टकरा जाती है तो जहाज को कोई नुकसान नहीं हो
मरे हुए मुर्गे सेफ्टी टेस्टिंग के लिए फेंके जाते हैं ताकि प्लेन के अंदर बैठे पैसेंजर सुरक्षित रहें
दरअसल, जब हवाई जहाज उड़ान भरते हैं, तो पक्षियों के हवाई जहाज से टकरा जाना सबसे बड़ी समस्या में से एक है
यह अधिकतर तब होता है, जब हवाई जहाज रनवे से उड़ान भरते हैं या फिर उतरते हैं पक्षियों के टकराने से बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है और इंजन को नुकसान भी
सुरक्षा कारणों के कारण हवाई जहाज निर्माता कंपनियां इंजन की सेफ्टी सुनिश्चित करने के लिए ऐसा कदम उठाती हैं
ये जांचने के लिए कि पक्षी टकराने पर कितना नुकसान पहुंचा सकते है, इंजन पर नकली पक्षी या कई बार मरे हुए मुर्गे फैंके जाते है मुर्गे इसलिए की ये आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं
बर्ड कैनन के जरिए फ्लाइट के इंजन में पक्षियों के भिड़ने की तरह ही इसमें चिकन फायर किए जाते हैं और देखा जाता है कि ये इंजन उस स्थिति का सामना कर पाएगा या नहीं
ये टेस्ट पक्षी के एयरप्लेन से टकराने को लेकर किया जाता है और उसके फ्लाई विंग्स की इससे जांच की जाती है
टेस्ट के लिए मृत मानक आकार की मुर्गियों का उपयोग किया जाता है वहीं इसका उपयोग विंडशील्ड का परीक्षण करने के लिए भी किया जाता है