कब है शनि जयंती?

सनातन परंपरा

सनातन परंपरा में शनि देव के जन्मोत्सव को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा से साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव कम हो जाता है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जानते हैं शनि जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।

शनि जयंती 2023

शनि जयंती का पर्व हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 19 मई, दिन शुक्रवार को पड़ रही है।

शनि जयंती की डेट

ऐसे में शनि जयंती 19 मई को मनाई जाएगी। इस दिन शनि देव की पूजा और उन्हें सरसों का तेल अर्पित करने का विशेष विधना है।

सुबह की पूजा का मुहूर्त

शनि जयंती के दिन यानी कि 19 मई को पूजा के लिए सुबह का मुहूर्त 7 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

दोपहर की पूजा का मुहूर्त

शनि जयंती के दिन यानी कि 19 मई को पूजा के लिए दोपहर का मुहूर्त 12 बजकर 18 मिनट से 2 बजे तक रहेगा।

शाम की पूजा का मुहूर्त

शनि जयंती के दिन यानी कि 19 मई को शाम के लिये पूजा का मुहूर्त 5 बजकर 25 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।

दूर होता है शनि दोष

शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा से साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है। कुंडली में शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

राहु का नहीं पड़ता प्रभाव

शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा से शनि का क्रोध शांत होता है। राहु शनि के शत्रु हैं तो राहु का दुष्प्रभाव शनि पूजा से कम हो जाता है।

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