श्री राम भगवान विष्णु के अवतार हैं। ठीक ऐसे ही लक्ष्मण जी शेषनाग के अवतार माने जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर श्री राम के अन्य दो भाई भरत और शत्रुघ्न किसके अवतार थे। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में।
वाल्मीकि रामायण में भगवान श्री राम, उनके परिवार एवं उनसे जुड़े हर एक व्यक्ति के बारे में बताया गया है। रामायण से जुड़े हर एक पात्र में कोई न कोई दिव्यता छीपी हुई है।
रामायण के अनुसार, श्री राम जब माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास में थे तब भरत उन्हें अयोध्या वापस लाने के लिए वन पहुंच गए थे लेकिन श्री राम ने उन्हें वापस लौटा दिया था।
मान्यता है कि ऐसा श्री राम ने जानकार किया था। यह श्री राम की लीला थी ताकि भरत अयोध्या में ही वास करें। श्री राम ने अयोध्या की रक्षा के लिए भरत को राज्य संभालने का आदेश दिया था।
ऐसा इसलिए क्योंकि भरत भगवाना विष्णु के चक्र का अवतार थे। भगवान विष्णु के चक्र से बेहतर और कोई भी अयोध्या या अयोध्या वासियों की रक्षा करने में सक्षम न था।
वहीं, शत्रुघ्न भगवान विष्णु के हाथ में मौजूद शंख का अवतार थे। माना जाता है कि शत्रुघ्न को श्री राम ने अयोध्या में इसलिए रुकने के लिए कहा ताकि अयोध्या की पवित्रता बनी रहे।
शंख और उसकी ध्वनि को हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है। वहीं, शत्रुघ्न विष्णु शंख के अवतार थे। ऐसे में उनका अयोध्या में होना उस स्थान को नकारात्मकता से बचाए रखना का मार्ग था।
रामायण के अनुसार, भरत और शत्रुघ्न के रूप में भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र और उनके शंख ने अयोध्या को 14 वर्ष तक हर प्रकार के संकटों से बचाए रखा था।
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