मिलिए दुनिया की सबसे सुंदर बावड़ी से

खूबसूरत होने के साथ है डरावनी भी

चांद बावड़ी

चांद बावड़ी राजस्थान के दौसा जिले के आभानेरी गांव में है

आभानेरी चांद बावड़ी

आभानेरी चांद बावड़ी का निर्माण राजा मिहिर भोज ने 9वीं सदी में करवाया था

मिहिर भोज

मिहिर भोज को चांद नाम से भी जाना जाता था, इसलिए बावड़ी का नाम चांद बावड़ी रखा गया

लगभग 35 मीटर चौड़ी

यह दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी है. यह चारों ओर से लगभग 35 मीटर चौड़ी है

3500 पक्की सीढ़ियां

इस बावड़ी में ऊपर से नीचे तक 3500 पक्की सीढ़ियां बनाई गई हैं

सुरंग

इस बावड़ी के नीचे सुरंग भी बनाई गई है

रानी जी बावड़ी

बूंदी में तकरीबन 71 छोटी-बड़ी बावड़ियां हैं। बूंदी की सुन्दरतम 'रानी जी की बावड़ी' की गणना एशिया की सर्वश्रेष्ठ बावड़ियों में की जाती है। इसमें लगे सर्पाकार तोरणों की कलात्मक पच्चीकारी अत्यंत आकर्षक है। बावड़ी की दीवारों में विष्णु के अवतार मत्स्य, कच्छप वाराह नृसिंह वामन इन्द्र, सूर्य, शिव, पार्वती और गजलक्ष्मी आदि देवी-देवताओं की मूर्तियाँ लगी हैं।

पन्ना मीना की बावड़ी

17 वीं सदी की अत्यंत आकर्षक इस बावड़ी के एक ओर जयगढ़ दुर्ग व दूसरी ओर पहाड़ों की नैसर्गिक सुंदरता है। यह अपनी अद्भुत आकार की सीढ़ियों, अष्टभुजा किनारों और बरामदों के लिए विख्यात है। चाँद बावड़ी तथा हाड़ी रानी की बावड़ी के समान इसमें भी तीन तरफ सीढ़ियाँ है। इसके चारों किनारों पर छोटी-छोटी छतरियां और लघु देवालय इसे मनोहारी रूप प्रदान करते हैं।

भीकाजी की बावड़ी

इसमें संगमरमर पर उत्कीर्ण हिजरी 1024 (1615 ई.) का फ़ारसी लेख उत्कीर्ण है। अभिलेख फलक पर उकडू बैठा हुआ हाथी, अंकुश एवं त्रिशूल बना है। पुरातात्विक महत्त्व की इस बावड़ी में पानी तक पहुँचने के लिए सीढियां बनी है।