जानिए आखिर क्यों झुंझुनू का रानी सती मंदिर हैं इतना खास

जान कर रह जायेंगें हैरान

कई प्राचीन मंदिर

भारत के लगभग हर शहर में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं जहां आज भी भक्तों की लंबी-लंबी लाइन लगी होती हैं। आज इस लेख में हम आपको इस मंदिर के बारे में करीब से बताने जा रहे हैं...

रानी सती मंदिर का इतिहास

रानी सती मंदिर का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। जब इसके इतिहास पर नज़र डालते हैं यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पीछे लेकर जाता है।

रानी सती का वास्तविक नाम

दिर में मिले प्रमाणों और कई कहानियों के अनुसार इस मंदिर की देवता रानी सती है, जो एक राजस्थानी महिला रानी थी। रानी सती का वास्तविक नाम नारायणी बताया जाता है।

सती बनने की कहानी

कहानियों के अनुसार एक युद्ध के दौरान नारायणी देवी/रानी सती के पति की मौत हो जाती है जिसके बाद वो भी सती हो जाती है। धीरे-धीरे लोग इन्हें आदि शक्ति का रूप मनाने लगे और रानी सती के रूप में पूजा जाने लगा।

मंदिर की वास्तुकला

रानी सती का मंदिर झुंझुनू की पहाड़ियों पर मौजूद एक प्राचीन और भव्य मंदिर है, जो अपनी वास्तुकला के लिए भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

क्या है खास

मंदिर के कई भागों को कांच के द्वारा सजाया गया है वो आज भी देखा जा सकता है। मंदिर दर्शन करने के साथ-साथ कई लोग मंदिर की बनावट को भी देखने के लिए आते हैं।

और ये भी है

आपको बता दें कि इस मंदिर परिसर में शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, सीता मंदिर, ठाकुर जी मंदिर और भगवान गणेश मंदिर भी सैलानियों के लिए आकर्षण के केंद्र हैं।

मंदिर में घूमने का समय

प्रसिद्ध रानी सती मंदिर दर्शन के लिए आप प्रतिदिन सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे और फिर दोपहर 3 बजे से रात को 10 बजे के बीच कभी भी जा सकते हैं।

दर्शन के लिए

यहां आप परिवार, दोस्तों या फिर पार्टनर के साथ कभी भी दर्शन के लिए आ सकते हैं।

टिकट

अगर बात करें टिकट के बारे में रानी सती मंदिर में प्रवेश और दर्शन के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।

आसपास घूमने की जगह

अगर आप मंदिर दर्शन के साथ-साथ झुंझुनू में किसी बेहतरीन जगह घूमने का भी प्लान बना रहे हैं, तो यहां मौजूद एक से एक बेहतरीन जगहें घूमने के लिए जा सकते हैं।

कई बेहतरीन जगह

झुंझुनू में आप रानी सती मंदिर के अलावा खेतड़ी पैलेस, लोहार्गल, मोदी और तिबरवाल हवेली आदि कई बेहतरीन जगह घूमने के लिए जा सकते हैं।