रनी सुल्तान जहां बेगम से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

व्यवस्था

आज हम आपको ऐसी शख्सियत के बारे में बताते हैं जिन्होंने भोपाल पर कई सालों तक शासन किया और महिला शिक्षा व्यवस्था को भी बढ़ावा दिया।

भोपाल के बारे में जानें

हिन्दुस्तान में बसे हर राज्य की अपनी अलग कहानी, संघर्ष है। भोपाल भी कई मायनों में खास है क्योंकि कई सालों तक महिलाओं का शासन रहा है, जिन्होंने मानदंडों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

कौन थी सुल्तान जहां बेगम?

सुल्तान जहां बेगम भोपाल की ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने भोपाल पर कई सालों तक शासन किया। उन्होंने लगभग 19 वीं शताब्दी की शुरुआत से लेकर अप्रैल 1926 तक शासन किया था।

सुल्तान जहां बेगम का जन्म

सुल्तान जहां बेगम का जन्म 9 जुलाई 1858 में हुआ था। इन्होंने 25 साल के शासनकाल में भोपाल को बदल कर रख दिया था। कई स्कूल खुलवाए और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना में विशेष योगदान दिया था।

कैसी थी भोपाल की रियासत?

प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक भोपाल की रियासत पर हमेशा से मुस्लिम पुरुष शासकों और नवाबों का शासन रहा है। आज भोपाल राज्य की अपनी एक अलग पहचान है, संस्कृति है, खूबसूरती है।

भोपाल और महिलाएं

आज भोपाल राज्य की अपनी एक अलग पहचान है, संस्कृति है, खूबसूरती है। आज जो भोपाल हमारे सामने हैं और इसे बनाने में कई लोगों ने कड़ी मेहनत व संघर्ष किए हैं, जिसे कभी नकारा नहीं जा सकता है।

बेगम सुल्तान जहां और एएमयू

अखिल भारतीय मुहम्मदन शैक्षिक सम्मेलन के निर्माण के लिए 50,000 रुपये का दान दिया था। यह आज भी मौजूद है और इसलिए इसे सुल्तान जहां मंजिल के नाम से जाना जाता है।

लिखी कई किताबें

सुल्तान जहां बेगम को फारसी भाषा का ज्ञान काफी ज्ञान था, इसलिए उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान लगभग 26 किताबें लिखी गई हैं।

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