भारत माता के वीर सपूत, अद्वितीय योद्धा, स्वाभिमान के रक्षक, हिंदू हृदय सम्राट, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती की आज जयंती है।
महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। मातृभूमि एवं धर्म की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिए।
महाराणा प्रताप 7 फीट 5 इंच लम्बी कद काठी वाले भारत के सबसे मजबूत योद्धाओं में से एक थे।
महाराणा प्रताप 208 किलो का वजन लेकर लड़ते थे। उनका भाला 81 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। युद्ध में उनके पास दो तलवार रहती थीं। इन सभी का वजन 208 किलो होता था।
महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियां की थीं
महाराणा प्रताप का प्रिय घोड़ा चेतक था और हल्दी घाटी का युद्ध एक तरह से चेतक ने भी लड़ा। जब मुगल सेना महाराणा प्रताप के पीछे लगे थी, तब चेतक प्रताप को अपनी पीठ पर लिए 26 फीट के उस नाले को लांघ गया, जिसे मुगल पार न कर सके।
महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप के पास सिर्फ 20000 सैनिक थे और अकबर के पास 85000 सैनिक। इसके बावजूद महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी।
महाराणा प्रताप ऐसे वीर थे कि दुश्मन भी उनके युद्ध-कौशल के कायल थे। आज भी लोग हल्दी घाटी जाते हैं तो वहां की मिट्टी से तिलक करते हैं।
महाराणा प्रताप के 17 बेटे और 5 बेटियां थीं। उनके सभी विवाह राजनीतिक गठबंधन थे