भारतीय शादी से जुड़ी रस्में बेहद अनूठी होती हैं। हर रीति-रिवाज का खास महत्व होता है। क्या आपने गौना प्रथा के बारे में सुना है? आज भी भारत के कुछ राज्यों में यह रिवाज निभाया जाता है। चलिए जानते हैं गौना प्रथा से जुड़ी जरूरी बातें।
शादी के बाद जब लड़की की विदाई नहीं होती है। इस प्रथा को गौना कहा जाता है। गौना 6 महीने से लेकर 3 साल तक होता
पहले के समय में लड़कियों की छोटी उम्र में शादी हो जाती थी। इस समय वह परिपक्व नहीं होती थी। इसलिए उन्हें ससुराल की जगह मायके में रहने दिया जाता है।
विदाई के बाद लड़की को कुछ दूरी पर लेकर जाया जाता है और वापस घर लाया जाता है। इसके बाद वापस बारात लड़की के घर जाती है और उसकी दोबारा विदाई की जाती है।
पहले के समय में गौना के दौरान दरवाजे पर दो डलिया रखें जाते हैं। जिस पर दोनों दूल्हा-दुल्हन पैर रखकर आगे बढ़ते हैं। डलिया के जरिए ही वर-वधु कमरे तक पहुंचते हैं।
इस रस्म में दूल्हे के घरवाले, खासतौर पर बहनें दुल्हन को गाड़ी से उतरने ही नहीं देती हैं। ऐसे में उसे अपनी ननंद को भेट में कुछ देना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में आज भी यह प्रथा प्रचलित है। आज भी यहां के लोग विदाई के बाद अपनी बेटी का गौना करते हैं
ऐसा नहीं है कि इस दौरान पति-पत्नी एक-दूसरे से नहीं मिलते हैं। दूल्हा चाहे, तो अपने ससुराल में अपनी इच्छा अनुसार हफ्ता या दस दिन रह सकता है।
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