सिटी पैलेस के बारे में वो सब जो जानना है जरूरी

इतिहास और मजेदार फैक्ट्स

राजाओं और रजवाड़ो की भूमि

राजस्थान को राजाओं और रजवाड़ो की भूमि कहा जाता है, क्योकि प्राचीन काल में बहुत सारे राजाओं ने काफी वर्षो तक राज किया था।

पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर

राजस्थान की राजधानी और पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर के बिल्कुल बीच में स्थित सिटी पैलेस एक बहुत ही सुदर राजसी-महल है, जो अपनी सुंदरता और अद्भुत संरचना के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

राजसी इतिहास की निशानी

इस महल में कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग़ हैं, जो इसके राजसी इतिहास की निशानी हैं, तो चलिए जाने इसके बारे में

सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास

इस महल का निर्माण आमेर पर सन् 1699 से 1744 तक राज करने वाले महाराज सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा करवाया गया था।

कछवाह राजपूत वंश

इसका निर्माण सन् 1729 में शुरु हुआ और 1732 में बनकर तैयार हो गया था। यहाँ पर कछवाह राजपूत वंश के जयपुर के महाराज का सिंहासन है।

अद्भुत शिल्प शास्त्र

इस अद्भुत महल को मुगल, शिल्प शास्त्र और यूरोपीय वास्तुकला से मिलकर बनाया गया है, जिसे बनने में कुल तीन वर्ष का समय लगा था।

लाल और गुलाबी सेंडस्टोन के पत्थरों

इसका महल का निर्माण लाल और गुलाबी सेंडस्टोन के पत्थरों से किया गया है, जिनके पर की गई बारीक कटाई और दीवारों पर बनाईं गई अद्भुत चित्रकारी देखने में बहुत ही सुन्दर प्रतीत होती है।

तीन मुख्य प्रवेश द्वार

इस महल में अन्दर जाने के लिए तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं: वीरेन्द्र पोल, उदय पोल और त्रिपोलिया गेट

केवल शाही परिवार

इस महल में पर्यटक केवल उदय पोल और वीरेन्द्र पोल गेट से प्रवेश ले सकते है जबकि त्रिपोलिया गेट से केवल शाही परिवार के सदस्यों को अंदर जाने की अनुमति हैं।

मुख्य आकर्षण

इस महल में प्रीतम निवास चैक, दीवान-ए-आम, दीवान-इ-खास, भागी खाना, महारानी महल और गोविंद देव जी मंदिर (भगवान कृष्ण को समर्पित) कुछ मुख्य आकर्षण भी मौजूद हैं।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

दो चांदी के मर्तबान सिटी पैलेस के मुख्य आकर्षण है जिन्होने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया के सबसे बड़े चांदी मर्तबान के रूप में अपना स्थान बनाया हैं।

संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया

इस महल को वर्तमान समय में जयपुर के राजा सवाई माधो सिंह द्वितीय को समर्पित करके एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया, जिसमे बनारसी साडि़यों और पश्मीना शॉल के साथ कई प्राचीन शाही पोशाकों का प्रर्दशन किया गया है।

प्रर्दशन के लिए

यहां के संग्रहालय में हाथी दांत तलवारें, चेन हथियार, बंदुक, पिस्टल, तोपें, प्वाइजन टिप वाले ब्लेड और गन पाउडर के पाउच भी प्रर्दशन के लिए रखे गए हैं।