हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार घर में पूजा के साथ कपूर का इस्तेमाल बहुत पवित्र माना जाता है। यदि पूजा के समय कपूर जलाया जाए तो घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है और सभी नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं।
वातावरण होता है शुभ
कपूर जलाने से निकलने वाला धुआं घर के वातावरण को शुद्ध करने के साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
सकारात्मक ऊर्जा आती है
कपूर के धुएं में जो सुगंध मौजूद होती है वो घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। यदि पूजा के समय, आरती या हवन में कपूर का इस्तेमाल न किया जाए तो पूजन अधूरा माना जाता है।
क्यों होता है कपूर का इस्तेमाल
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि किसी भी पूजा-पाठ में कपूर जलाने के बहुत से आध्यात्मिक लाभ हैं। कपूर सकारात्मकता और शांति का प्रतीक माना है और घर से नकारात्मकता को दूर करता है।
देवता होते हैं प्रसन्न
कपूर का उपयोग देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी किया जाता है। कपूर का जलना सर्वशक्तिमान के साथ एकता का प्रतीक माना जाता है।
कपूर जलाने के फायदे
कपूर जलाने से आस-पास का वातावरण पवित्र हो जाता है और कीटाणु भी नष्ट होते हैं। ये घर की हवा को भी शुद्ध करता है.
कैसे जलाएं कपूर
प्रतिदिन शाम के समय मिट्टी के किसी पात्र में रखकर कपूर जलाएं और इसके धुंए को पूरे घर में फैलने दें, जिससे शुद्धता बनी रहे।
दोषों को दूर करता है
कपूर घर के कई दोषों को संतुलित करने के लिए कपूर को घी और लौंग के साथ जलाया जा सकता है। मान्यता है कि इस तरह से कपूर जलाने से घर में समृद्धि आती है और परिवार में शांति बनी रहती है।
माना जाता है शुभ
विभिन्न धार्मिक और ज्योतिषीय कारणों की वजह से घर में पूजा के दौरान कपूर जलाना शुभ माना जाता है।